आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को वन विभाग ने किया ट्रेंकुलाइज

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नैनीताल। क्षेत्र में आंतक का पर्याय बन चुके बाघ को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के कानियां बीट से देर रात पार्क प्रशासन ने ट्रेंकुलाइज करने में सफलता हासिल की। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
बीते दिन बाघ ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी रेंज के कानियां बीट में पेट्रोलिंग गश्त करने के दौरान दैनिक श्रमिक गणेश पर अचानक हमला कर गंभीर घायल कर दिया था। दैनिक श्रमिक को बचाने के लिए साथ में मौजूद अन्य कर्मचारियों ने हवाई फायरिंग की, तब बाघ गणेश को छोड़कर जंगल की ओर भागा। गणेश का वर्तमान में अस्पताल में उपचार चल रहा है। इसके अलावां पिछली माह 9 जनवरी को जंगल में पत्नी और बेटे के साथ लकड़ी लेने गए कॉर्बेट के संविदा कर्मचारी 37 वर्षीय प्रेम सिंह पुत्र इंदर सिंह को बाघ ने अपना निवाला बनाया था। प्रेम सिंह कॉर्बेट मुख्यालय रामनगर में माली का काम करता था। वहीं घटना के विरोध में ग्रामीणों ने रामनगर ढेला मार्ग पर शव रखकर घंटों विरोध प्रदर्शन भी किया था। बीते दिन क्षेत्र में दैनिक श्रमिक गणेश पर टाइगर द्वारा हमले के बाद ग्रामीणों आक्रोशित हो गए। ग्रामीण लगातार बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार को ग्रामीणों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला एवं झिरना पर्यटन जोन को जाने वाले मुख्य रोर्ड पर जाम भी लगाया था।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटि ने बताया कि देर रात बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेंकुलाइज किया गया नर बाघ है, जिसकी उम्र करीब 8 वर्ष है।
उन्होंने बताया कि टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज में स्थित रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया है। जहां डॉक्टरों द्वारा बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। उसके साथ बाघ व मृतक प्रेम सिंह के सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद भेजा जाएगा। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिस वनकर्मी पर बाघ ने हमला किया था वह यही बाघ है या नहीं।

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