दीवाली पूजन 1 नवंबर को हो या 31 अक्टूबर को! 31 अक्टूबर को किसी भी समय सूर्य अस्त के बाद महा लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है

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…..हर बार किसी न किसी त्योहार पर विवाद होता है। इस बार दीवाली पूजन पर विवाद है कि 1 नवंबर को हो या 31 अक्टूबर को।
निर्णय सिंधु ,धर्म सिंधु के अनुसार दीवाली 1 नवंबर को होनी चाहिए। परंतु जो लोग प्रदोष काल में पूजन नहीं करते हैं निशीथ काल ओर महा निशीथ काल में पूजन करते हे वो 31अक्टूबर को अमृत की चौघड़िया में पूजन करें, और जो लोग प्रदोष काल में पूजन करते हे वो लोग 1 नवंबर को को 6.30 सांय काल तक महा लक्ष्मी पूजन कर लें। परंतु 31 अक्टूबर को किसी भी समय सूर्य अस्त के बाद महा लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है। 17.38 के बाद अमृत की चौघड़िया है। जो कि सांय 7 बजे तक रहेगी उसमें लक्ष्मी को स्थिर करने के लिए पूजन किया जा सकता है। जो लोग उल्लू पूजा, बही खाते का पूजन, तांत्रिक प्रयोग , मंत्र जाप, लक्ष्मी प्राप्ति के अनुष्ठान करते हैं, वो 31 की ही रात्रि में पूजन करे। क्योंकि 1 नवंबर को अमावस्या बहुत कम समय के लिए होगी। 18.17 तक ही अमावस्या होगी। उसके बाद प्रतिपदा होगी। उसमें लक्ष्मी पूजन नहीं होता है।यदि 1 नवंबर को पूजन करना है तो 18.17 तक पूजन कर लें। 29 अक्टूबर को धन तेरस होगी इस दिन चांदी खरीदने से लक्ष्मी घर में आती है इसी दिन सांयकल में दीपक जलाने से पूरे वर्ष भर अकाल मृत्यु नहीं होती, उसका भय नहीं रहता, 30 अक्टूबर को हनुमान जयंती होगी, इसी दिन धन्वंतरि जी की पूजा होगी। 31 को तिल के तेल से स्नान करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है। 2 नवंबर को अन्नकूट गोवर्धन पूजा होगी, 3 नवंबर को भाई दूज होगी।…….प्रतीक मिश्रपुरी भारतीय प्राच विद्या सोसायटी कनखल हरिद्वार

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