डिजिटल डीटॉक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करती है

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देहरादून। सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में मानव सेवा समाज और प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मेलन में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने बतौर मुख्य अतिथि सम्मेलन में प्रतिभाग किया।
सम्मेलन में छात्रों को डिजिटल डीटॉक्स और मोबाइल फोन या डिजिटल स्क्रीन के कम से कम उपयोग करने को लेकर चर्चा की गई। सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित ऋतु खंडूरी भूषण ने डिजिटल डीटॉक्स के विषय पर बताते हुए कहा की डिजिटल डीटॉक्स एक ऐसी प्रक्रिया है जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में, छात्रों को उनके डिजिटल डिवाइस या स्क्रीन टाइम का संभावित उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। छात्रों को उनके डिजिटल उपयोग के दौरान सक्रिय रहने, बार-बार स्क्रीन न देखने, अपनी आँखों को आराम देने और उन्हें नींद पूरी करने के लिए विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
उन्होंने कहा की डिजिटल डिटॉक्स के लिए छात्रों को विभिन्न मानसिक अभ्यास भी सिखाए जाने चाहिए जैसे कि मेडिटेशन, प्राणायाम और शारीरिक अभ्यास जो उन्हें स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। डिजिटल डिटॉक्स छात्रों के बीच टूटी मानसिकता को कम करने के लिए एक उपयुक्त उपाय हो सकता है। इस तरह अभ्यासों को अपनाकर छात्रों को उनके डिजिटल उपयोग के दौरान संतुलित रहने और समय के लिए अपने मन को रिकवर करने में मदद मिलती है। सम्मेलन में अध्यक्ष बाल संरक्षण आयोग डॉ गीता खन्ना, मुदलियर जितेंद्र, डॉ प्रेम कश्यप, रोम श्री आशीष,मेजर योगेंद्र बक्सी,योगेश कोचर, डी एस मान, सुनील शात मौजूद रहे।

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