लोक चेतना की कल्याणकारी पत्रकारिता के वाहक हैं देवर्षि नारद जी : डॉ. संगीत रागी

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-नारदजी की छवि खराब करने में फिल्मों का बड़ा रोल : पूर्व न्यायाधीश लोकपाल सिंह
-नारदीय पत्रकार की समाज को जरूरत, वे खुद भी कभी नारद नाम से प्रसिद्ध रहे: महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द महाराज

हरिद्वार। ऋषि नारद जी को जिस प्रकार फिल्मों में विद्रूप रूप में दिखाया गया वह बहुत ही निराशाजनक इतिहास रहा है, एक हास्य,चुगलखोर के रूप में नारद जी की छवि को खराब किया गया है जबकि वह एक मध्यस्थ की भूमिका लोक परलोक में निभाते थे, भक्तों की पीड़ा भगवान तक पहुंचाते थे, वे एक एक तरह से ईश्वर का मन हैं,नारद जी मन की गति से भ्रमण करते हुए सदा लोक चेतना, लोक कल्याण की नीति पर चलते रहे। उक्त उद्गार टीवी पैनलिस्ट व दिल्ली विवि के प्रो.डॉ. संगीत रागी ने प्रेस क्लब सभागार में आयोजित नारद जयंती समारोह में व्यक्त किए।
डॉक्टर संगीत रागी ने कहा कि आज की पत्रकारिता एक बाजार का विषय है,वह बाजार के हिसाब से चलती है, ब्रैकिंग उसका प्रमुख हथियार बन गया है उसकी trp के लिए, सूचना कितनी जल्दी पहुंचे, कितनी आकर्षित हो,बस यही सोच इन सबकी बन गयी है, तकनीक ने पत्रकारिता को भटकाया भी है, आजादी से प पत्रकार पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में मानते थे, पहले राष्ट्र भक्ति ही पत्रकारिता का लक्ष्य था, लेकिन वो मिशन की पत्रकारिता सब बाजार की व्यवस्था से खत्म हो चुकी है, पत्रकारिता का धर्म सूचनाओं का संप्रेषण है, आज पत्रकारिता में एक ही खबर की अनेक हेडलाइन होती हैं , लोग अपने हिसाब से खबरों का अर्थ बताते हैं। सबकी अलग अलग सोच होती है और वो अपने हिसाब से खबरों को लोगो के सामने दिखाते हैं, कोई भी नीति तब तक सफल नहीं होती जब तक जनता की भागीदारी न हो, कुछ लोग पॉजिटिव दिखाते हैं, कुछ नेगेटिव, तब आपकी अपनी सोच उस तथ्य से मिल जाती है और वो तथ्य तथ्य नहीं रह जाता, टीबी चैनल की सोच पूरे भारत की सोच नही हो सकती। टीवी डिबेट से खुद की सोच को प्रभावित नही करना चाहिए, आप की अपनी सोच होती चाहिए।
मुख्य अतिथि नैनीताल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश लोकपाल सिंह ने कहा की नारद जी को जो नेगेटिव दिखाया गया उसका बड़ा रोल हमारी फिल्मों का है, फिल्मों ने हमारे धर्म को कलंकित करने का काम किया, नारद जी को बदनाम करने का काम किया।जितने भी हमारे देवऋषि हुए उन्होंने कभी अपनी किसी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया। उन्होंने अपनी शक्ति का उपयोग मानव कल्याण में किया। केरला स्टोरी फिल्म में जो दिखाया गया वो हमारे देश में घटित घटना को दर्शाता है, मजार तोड़ने के विषय पर उन्होंने कहा की सरकार देर आई पर दुरस्त आई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरी महाराज ने कहा कि भौतिकवाद के युग में नारदीय पत्रकारिकता विलुप्त होती जा रही है। पत्रकारिकता का उद्देश्य सदैव समाज हित मे होना चाहिए। भगवान्, सुर, असुर सबकी सूचना रखते थे,
वे खुद बचपन में भी कभी नारद नाम से प्रसिद्ध रहे/
सभी संत का परिचय ज्ञान रखते थे/ वे खुद नारदजयंती को अपना भी जन्म दिवस मानते/
इस दौरान प्रेस क्लब के अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया व महामंत्री मनोज रावत को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अमित शर्मा ने किया। अतिथियों का स्वागत समिति के अध्यक्षता डॉ. रजनीकांत शुक्ला व आभार सयोंजक अविक्षित रमन ने जताया। कार्यक्रम की प्रस्तवना अजय शर्मा ने रखी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सञ्चालक रोहिताश कुँवर, हरिद्वार नगर सञ्चालक डॉ. यतीन्द्र नागयन, रानीपुर नगर अध्यक्ष वकील शर्मा,प्रान्त समाजिक सद्भाव प्रमुख रमेश उपध्याय,जिला कार्यवाह अंकित कुमार,नगर कार्यवाह गुरमीत सिंह,डॉ अनुराग वत्स, जिला प्रचार प्रमुख अजय शर्मा, जिला व्यवस्था प्रमुख अनिल गुप्ता, नगर प्रचारक रमेश मुखर्जी,नगर सम्पर्क प्रमुख अमित शर्मा, नगर व्यवस्था प्रमुख देशराज शर्मा, आचार्य प्रवीण, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष संजय रावल, दीपक नोटियाल,राजेश शर्मा, श्रवण झा,पूर्व महामंत्री ललितेन्द्र नाथ,अमित कुमार, अश्वनी अरोड़ा,एनयूजे के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, एनयूजे(आई)जिलाअध्यक्ष राहुल वर्मा, महामंत्री संदीप रावत,सूर्यकांत बेलवाल,आंनद गोस्वामी,कुलभूषण शर्मा,काशीराम सैनी,विकास चौहान,प्रमोद गिरी, अनिरुद्ध भाटी, ठाकुर शैलेन्द्र, राधेश्याम विधाकुल आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।

 

 

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