निकाय चुनाव में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्टो से गायब होने की व्यापक गड़बड़ियों की विस्तृत जांच जनहित में कराए जाने की मांग

0

देहरादून। उत्तराखंड में हुए स्थानीय निकाय चुनावो 2025 को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन ने राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों की कटिंग्स संलग्न करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार तथा उत्तराखंड को लिखे पत्र में बताया है कि दिनांक 23 जनवरी को वोटिंग के समय सैकड़ो वोटरों का नाम वोटर सूची में नहीं था, कुछ वोटरों के नाम अन्य क्षेत्रों की सूची में दर्ज थे। इससे सैकड़ो मतदाता अपने अधिकारों का चाहते हुए भी प्रयोग नहीं कर पाए। कुछ क्षेत्रों में बीएलओ द्वारा डोर टू डोर मतदाता पर्ची नहीं बांटने की भी शिकायत हुई है। मतदाता सूची का डिजिटिलाइजेशन होने पर भी वोटर सूची से नाम गायब होना बहुत दुखद है। संगठन के सचिव सुशील त्यागी ने वोटर लिस्ट में सैकड़ो मतदाताओं के नाम गायब होने की सामूहिक/व्यक्तिगत शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की हैं। इनके अनुसार जांच का केंद्र बिंदु निर्वाचन आयोग द्वारा किसी वोटर का नाम हटाने/जोड़ने के लिए निर्धारित फार्म 7 होना चाहिए। क्योंकि पूर्वाग्रह से प्रेरित आपत्तिकर्ता के द्वारा स्थानीय बूथ के बीएलओ को इस फॉर्म में फर्जी सूचनाएं देकर साजिशन भी नाम कटवाने की साजिश की जानी संभव है? इन शिकायकर्ताओं की संख्या सैंकड़ों में भी हो सकती है। त्यागी के अनुसार फार्म 7 में दी गई सूचनाओं की सत्यता की घोषणा खुद यही शिकायतकर्ता व्यक्ति करते है।वो भी यह तथ्य स्वीकार करने के बाद कि इनके द्वारा फर्जी सूचनाएं देना लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 31 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है जिसके लिए 1 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों दंड का प्रावधान है। फॉर्म 7 में आपत्तिकर्ता द्वारा लिखे गए तथ्यों की जांच बीएलओ द्वारा की जाती है तदोपरांत निर्वाचन कार्यालय द्वारा पावती डाक सहित इसे उस वोटर के निवास पर भेजा जाता है जिसका नाम हटाया जाने की शिकायत अपेक्षित है। 15 दिन में इसका जवाब मिलने पर ही नाम हटाने का निर्णय चुनाव कार्यालय में होता है। त्यागी ने अनुरोध किया है की जिला निर्वाचन कार्यालय देहरादून से माह अगस्त 24 तथा जनवरी 25 में जारी दोनों वोटर लिस्टो के बीच के अन्तर जो लगभग 34000 वोटर है, को, आधार बनाकर ही सभी फार्म 7 की विस्तृत जांच प्रत्येक बिंदु पर जनहित में की जाय।मतदाताओं का पूर्ण विश्वास कायम करना आयोग की प्राथमिकताओं में होना चाहिए तभी लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होगी। शुभकामनाओं के साथ। सुशील त्यागी, महासचिव, महासचिव संयुक्त नागरिक संगठन ,देहरादून dated 28January 2025।9897287147

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share