हार्ट अटैक heartfailure के लिए कोविड का टीका-बूस्टर डोज नहीं जिम्मेदार
सोल ऑफ इंडिया
नई दिल्ली/हरिद्वार। यह सही बात है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में हार्ट अटैक, दिल की विफलता के मामले तेजी से सामने आए हैं। खास तौर पर कम उम्र के नौजवान भी इसके शिकार हुए हैं। इन मामलों में शोक सभा या शव यात्रा में कई लोगों को इसके लिए कोविड टीकाकरण को जिम्मेदार मानते हुए भी सुना गया। कई लोगों का कहना रहा था कि कोविड टीके की तीसरी डोज हार्ट पर ज्यादा प्रभाव डाल रही है, उनके परिचित भी इसके दुष्प्रभाव के शिकार हुए हैं। पर यहां बात आती है कि हमें सुनी सुनायी बातों पर कितना विश्वास करना चाहिए। क्या इससे कोई सकारात्मक हल निकलेगा, हल निकलता है तो जरूर चर्चा होनी चाहिए।
उधर इस कोविड टीकाकरण को लेकर भारत के वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस तरह दिल के दौरों की आशंकाओं को सिरे से नकारा है। वो कहते हैं कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड का टीका लगवाने से हार्ट अटैक जैसा कुछ हो सकता है। हेल्थ रिसर्च के डीन डा. अनुराग अग्रवाल के अनुसार दिल के दौरे-हार्ट अटैक के मामलों में हो रही वृद्धि को इस प्रकार समझा जा सकता है कि लगभग हर व्यक्ति को कोविड हुआ था, इनमें से कुछ को तो कई बार। कोरोना से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है। वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा.विवेकानंद के अनुसार इस बात का कोई सबूत नहीं है कि दिल के दौरे का कोविड टीकाकरण से कोई वास्ता है। दिल के दौरे सहित हृदय सम्बंधी जटिलताओं का खतरा उन लोगों में बढ़ जाता है जो कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार रहे हैं। कई अध्ययनों से इन बात के प्रमाण मिले हैं कि बढ़ते दिल के दौरे के पीछे कोविड संक्रमण की भूमिका है। हाल ही के दिनों में देखा गया कि कई बहुत फिट रहने वाले लोग हार्ट अटैक के शिकार हुए हैं, इनमें फिल्मी हस्ती से लेकर, हास्य अभिनेता, जिम टे्रनर, खिलाड़ी से लेकर कई पत्रकार शामिल हैं। अचानक हुए सीने के दर्द ने असमय कई मशहूर लोगों को हमसे दूर कर दिया है। आज यह हार्ट अटैक गंभीर चिंता का विषय बन गया है और शायद कोविड टीकाकरण से जोड़कर हम किसी नतीजे को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं! जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऐसी आशंकाओं को निर्मूल साबित कर चुके हैं और कर रहे हैं। बस सावधान रहिए और कोविड संक्रमण से बचने के लिए इसके दिशा निर्देशों का पालन करते रहिए।
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