मुख्यमंत्री ने मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया

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चंपावत। एक दिवसीय चंपावत दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर के ठुलीगाड़, पूर्णागिरी मार्ग में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं खुशहाली की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि ककराली गेट, टनकपुर से मां पूर्णागिरि धाम तक यात्रा मार्ग में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाले मेले व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन हेतु मंदिर समिति को अनुदान दिया जाएगा। टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग के बाटनागाड़ में पुल का निर्माण किए जाने, भैरव मंदिर में स्थाई पुलिस चैकी बनाए जाने, पूर्णागिरि क्षेत्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किए जाने, टनकपुर शारदा नदी के तट पर कर्मशाला का निर्माण किए जाने, बनबसा में मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने, बनबसा खटीमा सितारगंज होते हुए टनकपुर से राजस्थान खाटूश्याम के लिए बस सेवा शुरू किए जाने, चम्पावत पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात हेतु रात्रि में भी खोले जाने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर में एक फ्लोर और चार अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने, चंपावत में साइंस सेण्टर का निर्माण किए जाने, श्री पूर्णागिरी मंदिर घाटी क्षेत्र में हेलीपेड का निर्माण किया जाने एवं आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा को जाते वक्त अल्मोड़ा से एवं चम्पावत के रास्ते यात्रा को वापस लाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ पूर्णागिरि मेले के शुभारंभ अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस पावन मेले का शुभारंभ कर मां पूर्णागिरि मैया के चरणों में शीश नवाने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा मां पूर्णागिरि मैया की महिमा से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से आते हैं। उन्हें प्रत्येक सुविधा मुहैया कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
ृआध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही हम मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने कि दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिसके अंतर्गत कुमांऊ के गोलज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी तथा मां पुण्यागिरी मंदिर सहित अनेक मंदिरों को चिह्नित किया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा समूह की महिलाओं द्वारा पूर्णागिरि धाम हेतु तैयार किए गए प्रसाद तथा प्रसाद रखने हेतु समूह की महिलाओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पीरुल की टोकरी जो बनाई गई है, उसका भी शुभारंभ किया गया।

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