मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुराहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटरों, ट्रांसपोर्टरों और व्यापार मंडल के साथ बैठक की

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देहरादून/
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में चारधाम से आए तीर्थ पुराहितों, पदाधिकारियों, होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटरों, ट्रांसपोर्टरों और व्यापार मंडल के साथ बैठक की। इस अवसर पर चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन, श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा और स्थानीय लोगों की आजीविका से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उत्तराखण्ड आते हैं। इस यात्रा का सकुशल संचालन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। जिस तेजी से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, उसे ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं में विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

चारधाम यात्रा से जुड़े हितधारकों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से यात्रा के सफल संचालन और अन्य पहलुओं के दृष्टिगत विभिन्न मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर माह के प्रथम सप्ताह से कपाट बंद होने तक चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन की व्यवस्था पूर्व की भांति चलती रहेगी। जो तीर्थयात्री उत्तराखण्ड में चार धाम के दर्शन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे, उन्हें मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की संख्या की बाध्यता नहीं रहेगी। इसके लिए ऑफलाइन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था हरिद्वार एवं ऋषिकेश के अतिरिक्त गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ के मुख्य पड़ावों पर भी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बैरिकेडिंग एवं चेकिंग की व्यवस्था की समीक्षा कर उसे न्यूनतम किया जाएगा। यात्रा को सुगम और सुचारू बनाने के लिए इसका सरलीकरण किया जाएगा। अन्य प्रदेशों से आने वाले प्राइवेट वाहनों पर ग्रीन कार्ड / ट्रिप कार्ड की अनिवार्यता की मांग पर उन्होंने परिवहन विभाग को इसका समाधान करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली चारधाम यात्रा के लिए तैयारी वर्तमान चारधाम यात्रा के समाप्त होते ही तत्काल प्रारम्भ कर दी जाएगी। सभी जनपदों के यात्रा से संबंधित जिला अधिकारी अपने-अपने स्तर पर सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक एवं परामर्श करेंगे। इसके बाद उच्च स्तर पर परामर्श करने के उपरांत अगली चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए रणनीति पूर्व में ही तैयार कर ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनोत्री धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत खरसाली से रोप-वे के कार्य में तेजी लायी जाएगी। पालीगाढ़ से जानकीचट्टी तक चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़कों के चौड़ीकरण के लिए मॉनिटरिंग कमेटी से क्लीयरेंस हो गई है एवं शीघ्र ही इसका कार्य भी संपन्न किया जाएगा। वर्तमान में गंगोत्री एवं यमुनोत्री के लिए बन रहे मास्टर प्लान के कार्यों में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मदुरई से चलने वाली कार्तिकेय एक्सप्रेस की तर्ज पर गंगोत्री, यमुनोत्री, हनौल में महासू देवता का एक सर्किट बनाते हुए गंगा-यमुना एक्सप्रेस के नाम से एक स्पेशल ट्रेन संचालित की जाएगी। यमुनोत्री में जल्द हेली सेवा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित यात्रा प्राधिकरण में चारधाम यात्रा के सुगम संचालन के लिए जो भी निर्णय लिए जाएंगे, वे सभी स्टेक होल्डर्स से व्यापक विचार-विमर्श एवं आम सहमति के आधार पर ही लिए जायेंगे।

इस अवसर पर चाराधाम यात्रा से जुडे़ विभिन्न स्टेक होल्डर्स ने अपने-अपने सुझाव दिए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों ने इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री का अभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने चारधाम से जुड़े विभिन्न विषयों पर इतने विस्तार से उनके साथ बैठक की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सुझावों पर विचार कर यात्रा का सकुशल संचालन किया जाएगा। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निर्देश दिए कि 15 दिन के अंतराल में चारधाम यात्रा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल भी मौजूद रहे।

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