धामों के आस-पास दो सौ मीटर के दायरे मंे मोबाइल पर प्रतिबंध
देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में अधिक भीड़ आने की वजह से पांच दिनों में व्यवस्था काफी चरमरा गई थी। लिहाजा मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अधिकारियों को यह निर्देश देने पड़े कि अधिकारी चारों धामों में ही कैंप करेंगे। सचिव स्तर के अधिकारियों को चारधाम यात्रा की मॉनिटरिंग के लिए लगातार कहा जा रहा है। ऐसे में अब शासन ने एक और बड़ा फैसला लिया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि चारधाम में मंदिरों के 200 मीटर के दायरे में किसी तरह के मोबाइल का प्रयोग नहीं होगा। राधा रतूड़ी की मानें तो मोबाइल प्रयोग करने से भी यात्रा में व्यवधान पैदा हो रहा है। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु मंदिर के आसपास ना तो कोई वीडियो बना पाएंगे और ना ही मोबाइल का किसी तरह से प्रयोग कर सकेंगे। लगातार भीड़ बढ़ने की वजह से अब उत्तराखंड शासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब मंदिर के 200 मीटर के दायरे में अगर कोई भी श्रद्धालु मोबाइल का प्रयोग करता हुआ दिखाई देगा, तो न केवल पुलिस उसको रोकेगी, बल्कि हो सकता है कि उसके ऊपर कार्रवाई भी हो जाए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि मंदिर के 200 मीटर के दायरे में किसी तरह का कोई भी मोबाइल श्रद्धालु प्रयोग ना करें। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में लगातार भीड़ बढ़ने की वजह से राज्य सरकार लगातार इस तरह के फैसले ले रही है। इसके साथ ही शासन ने कुछ और फैसले भी यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए लिए हैं।
उत्तराखंड शासन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह कहा है कि वह अपने-अपने राज्यों में इस बात का प्रचार और प्रसार करें कि कोई भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर बिना पंजीकरण के ना आए। जिन लोगों का पंजीकरण हो गया है, वह उन तारीखों में आएं, जिन तारीखों को पंजीकरण में दर्शाया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आने वाले श्रद्धालुओं से संयम बरतने और प्रशासन का साथ देने की भी अपील की है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि यात्रा में हर साल की तुलना इस साल भी भीड़ अधिक पहुंच रही है। ऐसे में हमने यह फैसला लिया है कि बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा करने वालों को रोका जाएगा। अब हम जगह-जगह पर गाड़ी की तलाशी और श्रद्धालुओं से बातचीत करके ही उन्हें आगे भेजेंगे, ताकि चारों धामों पर अचानक भीड़ न बढ़े। कुछ ही दिनों में यात्रा पटरी पर आ जाएगी। इसके साथ ही शासन ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी तरह की अफवाह या गलत वीडियो चलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।