क्या वाकई आत्मा, भूत, प्रेत होते हैं?
प्रफुल्ल ध्यानी
कनखल श्मशान में अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापे तक एकांत श्मशान में ही रही श्मशान सेविका स्वर्गीय बचनी देवी से एक बार मैने आत्मा, भूत, प्रेत, के बारे में उन के अनुभव के बारे में प्रश्न किया!
माता जी ये भूत प्रेत आत्मा कैसे होते है?
उन्होने उत्तर दिया
बेटा ये जो हवा है ऐसी ही होती है आत्माएं ।
हम से किसी भी प्रकार से संबंधित आत्मा जब हम से संपर्क करना चाहती हैं तो हमारे अवचेतन को प्राभावित करने का प्रयास करती है । वो अपने संचित गुणों और चेतना के आधार पर हमें अनुभव देती है। अगर वो आत्मा शरीर अवस्था में उन्नत चेतना और अच्छे गुणों वाली रही हो तो उस की उपस्थिति में हम ठंडी हवा की तरह सरल सहज आनंद का अनुभव करते है। और अगर वो आत्मा शरीर अवस्था में निम्न चेतना और अतृप्त अवस्था में रही हो तो घुमेर जैसी धूल भरी हवा से होने वाली परेशानी व बेचैनी अनुभव होती है उन्हें ही भूत प्रेत कहते है ।
अनादि काल से ये सवाल मनुष्य के मन को चिंतित करता रहा है।
इस विषय को लेकर समाज में तमाम तरह के अंधविश्वास डर और कुरीतियां व्याप्त हैं। इस विषय में वैज्ञानिक शोध वह चिंतन की आवश्यकता है