क्षुब्ध होकर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने आम आदमी पार्टी से दिया इस्तीफा

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सोल ऑफ इंडिया हरिद्वार।
आप पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। शुक्रवार को उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए नरेश शर्मा ने कहा कि वे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष से प्रभावित होकर 2022 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। जिसमें वो कहते थे हर पार्टी में एक से बढ़कर चोर भरे हैं, परंतु वे खुद अब ऐसे लोगों से सत्ता के लिए साठ गांठ कर रहे हैं।
नरेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव भी लड़ा। लेकिन चुनाव में लोगों ने आम आदमी पार्टी को पूरी तरह नकार दिया। इस दौरान वे पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे। लेकिन दिल्ली शराब घोटाले में अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित कई प्रमुख नेताओं के नाम सामने आने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी के संघर्ष को धक्का लगा है। पार्टी की छवि भी खराब हुई है। इंडिया गठबंधन के जिन लोगों को अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचारी बताते थे। आज केजरीवाल उन्हीं नेताओं की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
बात विस्तार से –
नरेश शर्मा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ईमानदारी का, ढोंग करके जनता को भ्रमित कर रही है इस पार्टी का कोई ना तो सिद्धांत है और ना ही नीति है इसलिए उन्होंने अपने साथियों के साथ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला लिया है । साथियों से विचार मंथन करके जल्दी ही आगे की राजनीति का फैसला लिया जाएगा। नरेश शर्मा ने कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के इस प्रचार से प्रभावित होकर भाजपा छोड़ कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे जिसमें उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी ईमानदारी और सिद्धांतों की राजनीति करती है.। उन्होंने कहा कि इसी बात से प्रेरित होकर उन्होंने पार्टी की मजबूती के लिए हर संभव मेहनत की लेकिन उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा हकीकत यह है कि आम आदमी पार्टी का ईमानदारी वाली राजनीति से कोई सरोकार नहीं है । दिल्ली में हुए शराब नीति पर मामले ने यह साबित कर दिया है जो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया कहते थे कि उन्हें कभी शराब को हाथ नहीं लगाते उन्हें शराब की दुकान के घोटाले में ही जेल जाना पड़ा। उन्हें दिल्ली में सारे नियम कानून को ताक पर रखकर गली-गली में शराब की दुकान खोल दी जहां भी यह पार्टी की इकाई बनाते हैं एक बार लोगों को सपने दिखाकर दोबारा वहां जाते नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड को पर्यटन स्थल के रूप में इस्तेमाल किया ऐसा ही कई अन्य राज्यों के बारे में भी किया । जनता को उनसे भारी उम्मीदें थी लेकिन जब देखा कि ईमानदारी का लबादा ओढ़ कर राजनीति करने आए अरविंद केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में फस जेल चले गए तो लोगों का विश्वास टूट गया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी को कोई भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है इसी वजह से निराश होकर वे आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
नरेश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की स्थिति बेहद खराब है। संगठन नाम की कोई चीज नहीं है। उत्तराखंड का कोई व्यक्ति प्रदेश अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं है। पंजाब से एक व्यक्ति को लाकर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उत्तराखंड में पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। प्रदेश के तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में उन्होंने भी पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।

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