काफी अन्तराल के बाद हुई प्रमुख सचिव उत्तराखंड की अध्यक्षता में स्वतंत्रता सेनानी संगठनों की बैठक

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देहरादून, उत्तराखंड सचिवालय में प्रदेश की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के आमंत्रण पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों के विभिन्न पदाधिकारियों एवं विभागीय सचिव और वर्चुअल स्तर पर प्रत्येक जिले के जिलाधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई।
जितेन्द्र रघुवंशी ने बैठक के विषय में बताया कि वे लोग कांवड़ मेला के कारण आए गतिरोध के कारण वे तथा साथी नवीन शरण निश्चल बैठक की समाप्ति पर पहुंचे। सर्वप्रथम मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से भेंट करके उन्हें विलम्ब से यहाँ पहुंचने का कारण बताया, जिस पर उन्होंने सहृदयता पूर्वक कहा कि कोई बात नहीं हमें ही कांवड़ यात्रा के समय बैठक नहीं रखना चाहिए थी, आगे इसका ध्यान रखा जाएगा, आप जिन बिंदुओं पर चर्चा करना चाहते थे, वह बताएं, आप दोनों को भी बैठक का ही अंग माना जाएगा और आपके द्वारा दिए जा रहे बिन्दुओं को भी कार्यवाही में शामिल किया जाएगा।
हमने माननीया प्रमुख सचिव के सामने निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की।
1- माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा अमर शहीद जगदीश वत्स सेवा सदन हरिद्वार में बनाने की घोषणा का अनुपालन कराया जाए।
2- माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी से हुई चर्चा के अनुसार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन के बाद उन्हें मिल रही सम्मान पेंशन ज्यों का त्यों उनके परिवार को हस्तांतरित की जाए।
3- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रथम पीढ़ी को एक सहयोगी के साथ उत्तराखंड परिवहन की बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जाए।
4- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर चल रहे विद्यालयों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जयंती तथा पुण्यतिथि मनाई जाए, तथा जिलेवार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जीवन परिचय प्रकाशित किया जाए, स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी उस क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
5- उत्तराखंड शासन द्वारा जारी किए गए शासनादेशों का अनुपालन करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिया जाए।
6- स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी का परिचय पत्र बनाने में पीपीओ नम्बर तथा ताम्रपत्र की अनिवार्यता न रखी जाए, यदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जेल प्रमाणपत्र या इतिहास में कहीं नाम अंकित है तो उनके परिवार को उत्तराधिकारी घोषित किया जाए, क्योंकि 1972 के पहले जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का निधन हुआ है, उनके पास न तो पीपीओ नम्बर होगा और न ही ताम्रपत्र।
7- उत्तराखंड हरिद्वार के सबसे कम उम्र के 17 वर्षीय अमर शहीद जगदीश वत्स की पुण्यतिथि 14 अगस्त प्रान्तीय स्तर पर आयोजित किया जाए तथा इस अवसर पर उत्तराखंड के सभी सेनानी परिवारों को सम्मानित किया जाए।
उपरोक्त बिन्दुओं की चर्चा के बाद माननीया प्रमुख सचिव ने हमें माननीय गृह सचिव के पास अपनी टिप्पणी के साथ भेजा। माननीय गृह सचिव ने भी सभी बिन्दुओं को सुनने के बाद इन्हें बैठक का हिस्सा बनाने के लिए कहा। इसके पूर्व बैठक में शामिल संगठनों के द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर भी हमने सहमति जताई।

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