जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की प्रस्तावित योजनाओ को धरातल पर उतारे जाने हेतु संस्थाओं से भी सहयोग लेने की मुख्यसचिव से की गयी मांग
देहरादून/ उत्तराखंड में नदियों, जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की योजना के कार्यान्वयन हेतु प्रस्तावित योजनाओ को धरातल पर उतारे जाने हेतु जनपदो मे सक्रिय पर्यावरणविदो,पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत संस्थओ से भी सहयोग लिये जाने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यसचिव से मांग की गयी ।संयुक्तनागरिकसंगठन द्वारा भेजे गये पत्र मे कई गयी पुरजोर मांग।राज्य के जलस्रोतों,जलधाराओं और नदियों के पुनर्जवीकरण पर विभागीय अधिकारियो की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ने इन्हे गंभीरतापूर्वक नही लेने तथा जिलास्तर पर एक्शन प्लान प्रस्तुत न करने वाले सभी लापरवाह दोषी विभागीय अधिकारियो को जांच के आधार पर कठोर चेतावनी,निलम्बन,प्रतिकूल प्रविष्टियां की भी मांग की गयी है।योजनाओ की रूप रेखा तथा इनके तेजी से कार्यान्वयन को लेकर बैठको मे स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण मे लगे समर्पित पर्यावरणविद और समाजिक संस्थाओ का भी सहयोग जरूरी बताते हुए इनमे आमजन की सहभागिता,सहयोग,और मानीटरिंग को भी जनहित मे बताया गया है।चिठ्ठी के अन्त मे जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत हर ब्लॉकवार सूख रहे 10 स्प्रिंग,जनपदवार 20 सूख रही जलधाराओं और नदियों का चिन्हीकरण के निर्देश को भी स्वागतयोग्य बताते हुए संगठनके महासचिव सुशीलतयागी के अनुसार दून की रिसपना को पुनर्जीवित कर ॠषिपरणा बनाने मे करोडो खर्च होने के बाद भी ये अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है।बिंदाल तो बेहाल है ही।