*स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार शहीद दिवस पर करेंगे क्रांति का शंखनाद- रघुवंशी*

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सरकारों की उपेक्षा से आहत हैं स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार*

*महात्मा गांधी का अनुकरण करते हुए 23 मार्च को चम्पारण से ही होगा उद्घोष*

*संगठन के संरक्षक ले. आर माधवन के सौवें जन्म दिन पर दिल्ली में 9 मार्च को होगा सम्मान समारोह*

हरिद्वार 2 मार्च। प्रति माह की भांति स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों ने देश भर में *हर महीने प्रथम रविवार 10:00 बजे 10 मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम* अभियान के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानी स्मारकों तथा शहीद स्थलों पर एकत्रित होकर ध्वजारोहण, राष्ट्रगीत का गायन तथा पुष्पांजलियां समर्पित करने के कार्यक्रम आयोजित किए गए। *शहीद जगदीश वत्स पार्क* निकट जटवाड़ा पुल ज्वालापुर में श्री सुरेन्द्र छाबड़ा ने तथा स्वतंत्रता सेनानी स्तंभ हरिद्वार में देशबन्धु तथा मुरली मनोहर ने ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगीत के गायन के बाद शहीद जगदीश वत्स की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, उपस्थित स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों तथा गणमान्य नागरिकों ने पुष्पांजलियां समर्पित कीं।
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने उपस्थित सेनानी परिवारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक ओर तो माननीय प्रधानमंत्री मंचों से घोषणा करते हैं कि हमारी सरकार 2047 तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों का भारत बनाएगी, तो दूसरी ओर सरकारें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके परिवारों के अस्तित्व को ही मिटाने में लगी हुई हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों की अपेक्षा लोकतंत्र सेनानियों तथा आन्दोलनकारियों के परिवारों को वरीयता दी जा रही है। स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा के लिए जारी किए गए शासनादेशों की उपेक्षा करके स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के अस्तित्व को ही मिटाया जा रहा है। यदि देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अपने परिवारों की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व न्योछावर नहीं करते तब न तो देश आजाद होता, न लोकतंत्र सेनानी होते और न ही आन्दोलनकारी। सरकार की इस उपेक्षा से देशभर के स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार आहत हुए हैं, वे सरकार से भीख मांगने के लिए सड़कों में नहीं उतरना चाहते हैं, उनकी अपनी एक गरिमा है। स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के हितों की रक्षा करने का दायित्व सरकार का है।
इन परिस्थितियों में जितेन्द्र रघुवंशी ने अपने पथ प्रदर्शक महात्मा गॉंधी का अनुकरण करने की प्रेरणा देते हुए बताया कि जिस तरह गांधीजी ने 1917 में चम्पारण से सत्याग्रह आन्दोलन की घोषणा की थी, उसी मार्ग पर चलकर शहीद दिवस 23 मार्च रविवार को चम्पारण से ही स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के तत्वावधान में स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों द्वारा क्रान्ति का शंखनाद किया जाएगा। इस कार्यक्रम में संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी तथा बिहार राज्य के स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार सम्मिलित होंगे। बिहार में संगठन की बिहार इकाई के संरक्षक बृषिण पटेल, प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमरनाथ, प्रदेश प्रभारी अशोक सिंह को यह गुरुतर दायित्व सौंपा गया है। सुरेश चन्द्र सुयाल ने देश भर में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों को संगठित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने के लिए कहा।
आज के कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी स्तंभ के कार्यक्रम में संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु भी सम्मिलित हुए, उन्होंने 9 मार्च को कृष्ण मेनन भवन, भगवानदास रोड, सुप्रीम कोर्ट के सामने, नई दिल्ली में संगठन के संरक्षक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ले. आर माधवन पिल्लई को उनके सौवें जन्मदिन पर सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम की जानकारी दी। संगठन में मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मुरली मनोहर ने भी कहा कि अब यहाँ भी प्रति माह के प्रथम रविवार को ध्वजारोहण, राष्ट्रगीत का गायन तथा पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में आदित्य गहलोत, शिवेंद्र गहलोत, कैलाश वैष्णव, डा. वेद प्रकाश आर्य, मंजुलता भारती, सुरेन्द्र छाबड़ा, कमल छाबड़ा, अनुराग सिंह गौतम, नरेन्द्र कुमार वर्मा, वीरेन्द्र गहलोत, मनीषा चौहान, प्रतिभा रुहेला, मंजुलता भारती, मनीष कुमार, अरविन्द कुमार कौशिक, जोगिंद्र सिंह तनेजा, सुरेश कुमार सुयाल, परमेश चौधरी, अशोक चौहान, राजन कौशिक, विवेक शर्मा, बालकिशन, सतेन्द्र सिंह बिष्ट, अनिल कुमार, ललित चौहान तथा तरुण बेरी के साथ ही गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।

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