**मकर संक्रांति महोत्सव: अशोक सिंघल सेवाधाम, वात्सल्य वाटिका में नव निर्मित भवन का भव्य उद्घाटन, संस्कार शालाओं के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां**
हरिद्वार, दिनांक 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का कार्यक्रम अशोक सिंघल सेवाधाम, वात्सल्य वाटिका में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथियों द्वारा नव निर्मित भवन का विधिवत उद्घाटन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिद्वार विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीमान सत्येंद्र गुप्ता जी ने की और संचालन प्रधानाचार्य उदय राज सिंह चौहान जी ने किया। मुख्य अतिथि अर्चना जैन (डायरेक्टर, एकम्स ग्रुप, सिडकुल हरिद्वार) और विशिष्ट अतिथि नितिन गौतम जी (अध्यक्ष, गंगा सभा), साध्वी गंगा दास जी महाराज डॉ नरेश मोहन सदस्य प्रबंध समिति वात्सल्य वाटिका, अमित कुमार संगठन मंत्री विश्व हिंदू परिषद, बसंत चौहान जी, प्रो. शिवकुमार (दून विश्वविद्यालय), और करुणा शर्मा जी मंच पर उपस्थित रहे।
मंचासीन अतिथियों का स्वागत वात्सल्य वाटिका प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष नरेश वर्मा जी, विभाग संगठन मंत्री अमित कुमार जी, जिला सह मंत्री दीपक तालियान जी, राजेश कुमार, श्री एलआर गुप्ता जी, अधीक्षक श्री सुरेंद्र जी, रजनी राणा जी, पूनम मिश्रा जी, विमलेश गोंड जी, जिला सेवा प्रमुख रवि चौहान जी और रवि भूषण जोशी जी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बहादराबाद और आसपास के 15 गांवों जैसे रोहलकी, अलीपुर, दिनारपुर, अहमदपुर ग्रांट, सहदेवपुर, एकड़ कला, सराय, ब्रह्मपुरी, जमालपुर, खेड़ली, सुमन नगर आदि से संस्कार शालाओं के बच्चों ने देशभक्ति गीत, प्रेरणादायक नाटक, लोकगीत और तात्कालिक विषयों पर मनोहारी प्रस्तुतियां दीं। वात्सल्य वाटिका के बच्चों ने ताइक्वांडो और योग का प्रदर्शन भी किया।
मुख्य अतिथि अर्चना जैन जी ने संस्कारशाला योजना को ग्रामीण बच्चों के संस्कार विकास के लिए एक उत्कृष्ट पहल बताया। प्रो. शिवकुमार जी ने बच्चों को तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र गुप्ता जी ने बच्चों को प्रकृति के जगमगाते सितारे बताया जो भगवान की कृपा से धरती पर आए हैं।
प्रांत सेवा प्रमुख अनिल भारतीय जी ने कहा, “सच्चा त्याग वही है जो दुख मानकर नहीं, बल्कि सेवा भाव से किया जाता है।” वात्सल्य वाटिका के प्रबंधक प्रदीप मिश्रा जी ने “नर सेवा ही नारायण सेवा” के महत्व को बताया और वात्सल्य वाटिका के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने सभी से इस ईश्वरीय कार्य में सहयोग और जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम के साथ हुआ और अंत में सभी ने खिचड़ी प्रसाद ग्रहण किया।