दून महायोजना समिति की बैठक को बताया गया महज खानापूर्ति
देहरादून
संयुक्त नागरिक संगठन ने दून महायोजना समीति की बैठक को महज खानापूर्ति कहा है/ संगठन द्वारा मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, जिला मजिस्ट्रेट तथा एमडीडीए को भेजे गये मांग पत्र मे बताया गया है की आपत्तियो के निराकरण हेतु दिसम्बर 2023 मे भारत सरकार, प्रदेश सरकार तथा शासन को संगठन ने सम्बन्धित विषयपर *दून घोषणापत्र*जारी करते हुए, मांग पत्र भेजे थे।इनमे आपत्तियो को लेने की अन्तिम तिधी बढाये जाने की भी मांग की गयी थी।पत्र मे कुछ विषय एमडीडीए की भावी महायोजना के क्रियान्वयन को लेकर भी थे जिनके निराकरण की तत्काल आवश्यकता है।संगठन की मांग थी कि महायोजना जो अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित थी,को,हिंदी भाषा में प्रकाशित कराकर सभी संचार माध्यमों के द्वारा प्रसारित किया जाय।परन्तु प्राधिकरण द्वारा लाखों दूनवासियो के आम जनजीवन की सुरक्षा,संरक्षण,स्वास्थ्य,व्यवसाय आदि से संबद्ध इस योजना को अभी तक जानबूझकर हमारे सुझावों के अंतर्गत प्रचारित प्रसारित नहीं कराया गया है।इसे कराया जाए।महायोजना सुनवाई समिति का गठन कब किसने किया?पता नही है।जबकी इसकी बैठक तहसील के हाल कमरे में प्रस्तावित है और खानापूर्ति इसका उद्देश्य है।इसको पुनः नगरनिगम या मुख्यमंत्री आवास के प्रेक्षाग्रह में सरकार तथा शासन के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित कराकर विशाल स्तर पर आमजन से सुझाव दिए जाने जरूरी है।अन्यथा ऐसी सुनवाई का औचित्य ही अधूरा है।संगठन की मांग है कि अब तक प्राधिकरण को प्राप्त 800 से अधिक आपत्तियां सुझाव जिनमे हमारे सुझाव भी शामिल है उन पर क्या-क्या निर्णय लिये गये है।इनको सार्वजनिक रूप से प्रकाशित कराया जाए।इस सम्बन्ध मे प्राधिकरण के अधिकारियो को आदेश जारी किये जायेअन्यथा आमजन सूचना का अधिकार तथा उच्च न्यायालय मे उपलब्ध विकल्पो का भी उपभोग कर सकते है, जो शासन की कार्यप्रणाली पर आक्षेप होगा।