दिव्यांगजन विद्यार्थियों के मध्य ‘बचपन के रंग’ कार्यक्रम के अन्तर्गत काव्य प्रतियोगिता आयोजित

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Soulofindia- सूर्यकांत बेलवाल

हरिद्वार/ विभावरी – साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था, सहारनपुर द्वारा साहित्यानुरागी स्मृतिशेष श्री स्वयं प्रकाश भटनागर जी की स्मृति में संस्था के वरिष्ठ सदस्य श्री आनन्द प्रकाश भटनागर के संयोजन में आदर्श विद्यालय, राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, 116, राजपुर मार्ग, देहरादून के कक्षा-1 से कक्षा-12 तक के दृष्टि दिव्यांगजन विद्यार्थियों के मध्य ‘बचपन के रंग’ कार्यक्रम के अन्तर्गत काव्य प्रतियोगिता आयोजित की गयी।
तीन वर्गों में आयोजित काव्य प्रतियोगिता में दृष्टि दिव्यांग बालक-बालिकाओं की काव्य सृजन प्रतिभा एवं प्रस्तुतिकरण ने सहारनपुर से संस्थान में पधारे विभावरी संस्था के समस्त पदाधिकारियों एवं उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विभिन्न वर्गों में आयोजित काव्य प्रतियोगिता में शिवांगी-शुभाशीष, चाहत, कनिष्का, देवांश शर्मा, गौरी, निकिता, सिमरन, देश कुमार, शिवम सिंह तथा सर्वेश सिंह ने अपने वर्गों में क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता में श्री शिव मोहन सिंह, श्री आर०पी० सारस्वत एवं श्री राजीव उपाध्याय ‘यायावर’ निर्णायक मण्डल के सदस्य रहे। निर्णायक मण्डल ने संयुक्त रूप से सभी प्रतिभागियों के काव्य पाठ एवं काव्य सृजन प्रतिभा की सराहना की।

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक श्री मनीष वर्मा ने विभावरी संस्था का संस्थान में स्वागत करते हुए कहा कि हमारे दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों के अंतस में साहित्यिक चेतना का विकास करने और उनकी रचनात्मकता में वृद्धि करने के लिए यह काव्य प्रतियोगिता मील का पत्थर सिद्ध होगी।

विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अमित शर्मा ने कहा कि दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों में विलक्षण काव्य प्रतिभा छिपी होती है। उन्होंने विद्यार्थियों की काव्य प्रतिभा को सँवारने-निखारने के लिए एवं उन्हें एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से इस काव्य प्रतियोगिता के आयोजन हेतु विभावरी संस्था का आभार व्यक्त किया।

श्री हरिराम पथिक संरक्षक सदस्य विभावरी संस्था ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रतिभागी सभी दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों का काव्य-पाठ उत्कृष्ट रहा।

अत्युत्तम संचालन करते हुए डॉ० विजेंद्र पाल शर्मा सचिव विभावरी संस्था ने बताया कि संस्था प्रतिवर्ष एक विद्यालय में यह काव्य प्रतियोगिता आयोजित करती है। उन्होंने कहा दृष्टि दिव्यांग कवि-कवयित्री बालक-बालिकाओं के मनोरम काव्य-पाठ से संस्था के सदस्य अभिभूत हैं। इस वर्ष इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून में आयोजित करने के सारस्वत विचार को इस काव्य प्रतियोगिता में प्रतिभागी बच्चों की मनोहारी कविताओं ने साहित्यिक अनुष्ठान में परिवर्तित कर दिया है।

इस आयोजन को धरातल पर उतारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आदर्श विद्यालय के हिन्दी अध्यापक श्री धर्मेन्द्र सिंह राठौर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विभावरी संस्था के इस कार्यक्रम से अन्य दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों में भी कविता लिखने की तीव्र इच्छा निश्चित रूप से उत्पन्न होगी।

उद्गार संस्था के सचिव पवन शर्मा एवं संयुक्त सचिव तथा संस्थान में अनुदेशक के पद पर कार्यरत श्री सतेन्द्र शर्मा ‘तरंग’ सहित उद्गार के वरिष्ठ कविगण श्री संजय प्रधान जी, श्री हरीश ‘रवि’ जी, श्री आनन्द सिंह ‘ आनन्द’ एवं युवा कवि श्री पवन कुमार ‘सूरज’ ने भी इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करने में योगदान दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता देहरादून के वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्ण दत्त शर्मा ‘कृष्ण’ ने की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रतिभाशाली दृष्टि दिव्यांग बाल कवियों को अपना स्नेहाशीष देते हुए कहा कि विभावरी संस्था साधुवाद की पात्र है क्योंकि संस्था ने यह साहित्यिक अनुष्ठान ऐसे विद्यालय में आयोजित किया जहाँ के विद्यार्थियों को समाज के अत्याधिक स्नेह और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस आयोजन के परिपेक्ष्य में दिव्यांगजन के सशक्तिकरण में प्रयासरत यह विद्यालय विद्यार्थियों की रचनात्मकता और सृजनात्मक को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकाधिक साहित्यिक कार्यक्रम संचालित करेगा।

इस अवसर पर विभावरी संस्था के सदस्य श्री हरिराम पथिक संरक्षक सदस्य विभावरी, डॉ० विजेंद्र पाल शर्मा सचिव विभावरी, डॉ आर पी सारस्वत, श्री नरेंद्र मस्ताना, श्री आदेश कुमार, श्री विनीत राय जैन, श्री राजीव उपाध्याय, श्री संजय वर्मा, श्री सी एल बनर्जी आदि उपस्थित रहे।

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