बारिश ने मचाया हा-हाकार, अधिकांश हिस्सों में भरा पानी, कांवड़ हुई गहरे पानी में निकलने को मजबूर
Suryakant belwal, soulofindia
हरिद्वार। यूं तो पूरे उत्तराखण्ड सहित पूरे देश में बारिश का कहर व्याप्त है। हिमाचल के हालात सबके सामने हैं। तीर्थनगरी हरिद्वार में भी तेज बारिश से गहरे डुबान की स्थिति पैदा हो गयी। कांवड़ियों को जगह-जगह गहरी पानी से निकलना पड़ा। पानी की निकासी अवरूद्ध रही। रेल की पटरियों पर मलवा आया वहीं हाईटेंशन के खंभे भी धराशायी हुए। कुछ समय के लिए देहरादून की ओर रेल यातायात बाधित रहा। लगातार होती रही बारिश के चलते शहर के अधिकांश हिस्सों में हुए जलभराव से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा। चंद्राचार्य चैक, भगत सिंह चैक रेल पुलिया, कनखल में लाटोवाली, जगजीपुर की गणपतिधाम आदि कालोनियों,, ज्वालापुर के कटहरा बाजार, झण्डा चैक, गुरूद्वारा रोड, जामा मस्जिद, पीठ बाजार, अंबेडकर चैक, मैदानियान, अहबाब नगर, विष्णुलोक, पुल जटवाडा समेत तमाम इलाके बरसाती पानी में जलमग हो गए। बारिश के बाद मनसा देवी पर्वत से भारी तादाद में मलबा सडक पर आ गिरा। ब्रह्मपुरी में रेलवे ट्रैक पर मलबा आने और हाईटेंशन लाईन का पोल गिरने से रेल ट्रैक बाधित हो गया। जिसके चलते उदयपुर सिटी एक्सप्रेस को ज्वालापुर स्टेशन पर रोका गया शताब्दी एक्सप्रेस जहां करीब पौने दो घंटे लेट पहुंची, हरिद्वार-भीमगोड़ा मार्ग पर काली मन्दिर के पास पहाड़ से मलवा आने की वजह देहरादून-ऋषिकेश जाने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया था जिसे 12 घंटे बार सुचारू किया गया। बाजारों में भी सल्ट आ जाने से बड़े खराब हालात पैदा हो गए। सबसे अधिक खराब हालात चंद्राचार्य चौकऔर भगत सिंह चौक पुलिया के रहे। चंद्राचार्य चैक और भगत सिंह चैक रेल पुलिया के नीचे तीन से चार फीट पानी भर गया। कमर तक भरेे पानी के बीच से ही कांवडिएं गुजरते रहे। बरसाती पानी आसपास की कालोनियों मार्डन कालोनी, खन्ना नगर, विवेक विहार, सिटी हॉस्पिटल क्षेत्र, न्यू हरिद्वार कालोनी, आर्यनगर, विष्णु गार्डन, कृष्णानगर आदि इलाकों में घरों और दुकानों में घुस जाने से कीमती सामान खराब हो गया। कई प्रमुख स्थानों से कांवडियों को बरसाती पानी के बीच से ही गुजरना पडा। ज्वालापुर के मोहल्ला लोधा मंडी में नाले का पानी घुरों में घुस गया। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडा। सुमन नगर चेक पोस्ट के निकट नाले में भारी मात्रा में पानी आने से गोदाम की दीवार टूट गयी। जिससे गोदाम में रखे सैकडों ड्रम पानी के तेज बहाव में बह गए। जिससे गोदाम मालिक को भारी नुकसान उठाना पडा। दूसरी और नाले में ड्रम बहते देख आसपास के लोग जान की परवाह किए बगैर ड्रम निकालने के लिए नाले में कूद पडे। दोपहर बाद बारिश रूकने पर हालात कुछ सामान्य होने तक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। तेज बारिश में नगर के मुख्य स्थानों पर जलभराव के हालात पैदा हो जाते हैं। स्थानीय नागरिक व दुकानदार इसके स्थानीय समाधान की गुहार कई बार शासन-प्रशासन से लगा चुके हैं।