उत्तराखंड की आध्यात्मिकता, तीर्थाटन और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया गया

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नरेंद्रनगर/टिहरी। जी-20 की बैठक में सम्मिलित होने आए विभिन्न देशों के डेलिगेट्स के समक्ष गाला डिनर के दौरान उत्तराखंड की आध्यात्मिकता, तीर्थाटन और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया गया। सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत राष्ट्रगान, डेलिगेट्स और मुख्य अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन से की गई। आध्यात्मिकता और तीर्थाटन के प्रस्तुतीकरण में जहां योग, गंगा आरती दर्शन, चारधाम तीर्थ यात्रा, महासू देवता वंदना तथा स्थानीय देवी-देवताओं की देव डोलियों का प्रस्तुतीकरण दिया गया, वहीं सांस्कृतिक विरासत में गढ़वाली, कुमाऊनी व जौनसारी संस्कृति का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
विभिन्न देशों से जी-20 बैठक में पधारे डेलिगेट्स उत्तराखंड की देवभूमि की विशिष्ट परंपरा, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक उत्कृष्टता से अभिभूत और उत्साहित दिखे। प्रस्तुतीकरण में भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी प्रेरणा वसुधैव कुटुंबकम (संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है) की झलक दिखी। इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या की प्रस्तुति के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और अजय भट्ट, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी व सौरव बहुगुणा, सांसद गढ़वाल लोकसभा तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, प्रीतम सिंह पवार, किशोर उपाध्याय, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, शक्ति लाल शाह व ब्रजभूषण गैरोला, मुख्य सचिव डॉ एस एसे संधु, मेयर ऋषिकेश अनीता ममगाई सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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