नहीं हो रहा है बेनाम परिवार में मोनिका-मोनिस का विवाह समारोह
सोल ऑफ इंडिया
पौड़ी गढ़वाल। अमेठी के मुस्लिम परिवार से उत्तराखण्ड के पौड़ी शहर के हिन्दू ठाकुर परिवार में आने वाली बारात या विवाह को लेकर सोशल मीडिया प्रसारित विवाह के निमंत्रण प्रदेश की राजनीति को गर्माने के साथ-साथ हिंदूवादी संगठनों और संत समाज तक में दूर तक हलचल मचा दी। हर किसी की जुबान में इस विवाह के चर्चे थे। पौड़ी के जाने-माने नामदार पूर्व विधायक व वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम की पुत्री मोनिका व अमेठी निवासी मुस्लिम परिवार के मोनिश से के विवाह को कार्ड चारों ओर आग की तरह फैल गया था। इस विवाह में सारे संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से सम्पन्न होने दर्शाए गये थे। जिस पर हिन्दू संगठनों व धर्म विशेषज्ञों ने विरोध जताते हुए बेनाम जी को इस विवाह को न करने की सलाह दी थी वहीं इस विवाह पर अचरज भी जताया था। फिलहाल श्री बेनाम ने शादी से मना कर दिया है और कहा कि इस तारीख में हम यह विवाह नहीं कर रहे हैं।
कहा जा रहा था कि भाजपा के नेताओं को इस विवाह में शिरकत न करने की हिदायत भी दी जा चुकी थी। वहीं पत्रकारों से बातचीत में नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने कहा कि कार्ड इस तरह छपाने व बंटवाने का कारण स्पष्ट रूप से यह है कि मैं बेटी की शादी चोरी छिपे नहीं करना चाह रहा। सबके सामने मुस्लिम परिवार में शादी कराने जा रहा था। 28 मई को शादी की तिथि निर्धारित थी। शादी का कार्ड इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होने और कई लोगों द्वारा विरोध जताया गया। कई तरह के भले बुरे फोन उन्हें व उनके नाते रिश्तेदारों को आए। किसी ने उन्हें धर्म तक बदलने को कहा अगर यह शादी करनी है तो। ऐसी बातचीत की फोन की रिकॉर्डिंग को भी लोग सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे थे। अब श्री बेनाम ने हताश मन से कहा कि 27 व 28 मई को बेटी की शादी हम नहीं करने जा रहे हैं। इस मामले को विराम देना चाहिए।
खबर है कि पौड़ी गढ़वाल से भाजपा नेता व पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम ने बेटी की शादी के समस्त आयोजन स्थगित कर दिये है। उन्होंने कहा है कि बेटी की विदाई भावुक क्षण होता है। मेरी बेटी की शादी एक मुस्लिम समुदाय के युवक से होने जा रही थी।उन्होंने कहा कि बच्चों की खुशी व भविष्य को देखते हुए दोनों परिवारों ने शादी धूमधाम से किए जाने का निर्णय लिया था। जिसके परिपेक्ष्य में कार्ड छपवाए थे। लेकिन शादी का आमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शादी के पक्ष व विरोध में कई प्रकार की बाते सामने आई।
बेनाम ने कहा हैकि सोशल मीडिया पर उपजे विवाद के बाद दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से शादी समारोह के समस्त कार्यक्रम नहीं कराए जाने का निर्णय लिया है। कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं नहीं चाहता था कि बेटी की शादी पुलिस व प्रशासन की सुरक्षा के साए में संपन्न हो। हालांकि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शादी रद्द करने की बात कही गई है।