जंगल की मधुमक्खियों ने ले ली बच्चे की जान, परिवार किसी तरह बचा
चंपावत। जी हां मीठा शहद देने वाली मधु कभी जानलेवा भी साबित हो जाती है, छेड़छाड़ पर जब उसे गुस्सा आ जाता है तो वह झुण्ड के साथ हमलावर हो जाती हैं और जानलेवा साबित होती हैं। कुछ ऐसा ही वाकया चंपावत में पड़ोस के गांव में रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जा रहे परिवार के साथ घटित हुआ। जब इन पर जंगल में मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। दुर्भाग्य से हमले में ढाई साल के मासूम की मौत हो गई। वह देर में खोजबीन के बाद जंगल में खाई में पड़ा मिला। कोटकेंद्री के गणेश राम का परिवार जंगल के रास्ते पड़ोस के गांव बांस बरकूम जा रहा था। बताया जा रहा है कि वहां गणेश के साले की शादी थी। रास्ते में अचानक मधुमक्खियों ने उन पर हमला कर दिया।
गणेश राम और उसकी पत्नी पार्वती छह महीने की बेटी को लेकर किसी तरह बच निकले लेकिन 19 साल का भतीजा मनोज उनके ढाई साल के बेटे कार्तिक को लेकर दूसरी दिशा की ओर भाग गया। मधुमक्खियां पीछे पड़ीं तो वह कार्तिक को जंगल में छोड़कर एसएसबी की खेत ब्यूरी बीओपी पहुंच गया। वहां वह बेहोश हो गया।
उप जिला अस्पताल में इलाज के बाद देर शाम होश आने पर उसने कार्तिक के बारे में बताया तो अफरातफरी मच गई। परिजनों के साथ पुलिस और एसडीआरएफ की टीम फौरन रेस्क्यू में जुट गई। जंगल में खोजने के बाद कार्तिक एक खाई में अचेत अवस्था में पड़ा मिला। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। डॉ. हेमंत का कहना है कि बच्चे को मधुमक्खियों ने काटा था। इसके अलावा उसके सिर पर भी चोट थी। मधुमक्खियों के हमले से जान गंवाने वाले कार्तिक के जंगल में छूटे होने का समय पर पता चल जाता तो उसकी जान नहीं जाती। घायल मनोज के बेहोश होने के साथ ही परिजनों को भी इसका आभास नहीं था कि कार्तिक जंगल में छूटा हो सकता है। मनोज के अस्पताल में होने से परिजन मान रहे थे कि वह कार्तिक को गांव में ही या फिर किसी के पास सुरक्षित छोड़ गया होगा।