शिक्षण संस्थान दें टीचिंग एवं रिसर्च पर सबसे अधिक ध्यान : प्रो.एन के जोशी
-श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति ने ली शिक्षण संस्थानों की बैठक
Soulofindia
देहरादून/हरिद्वार| राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून में कुलपति प्रो.एनके जोशी द्वारा ऑनलाईन/ऑफलाईन मोड पर बैठक आहूत की गयी। जिसमें राजकीय,अशासकीय,निजी शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों,अध्यक्षों,निदेशकों द्वारा प्रतिभाग किया जिसमें लगभग 120 लोग ऑफलाईन एवं 100 से अधिक लेागों ने ऑनलाईन माध्यम से प्रतिभाग किया । विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा सभी संस्थानों,राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों,अध्यक्षों को निर्देशित किया गया कि टीचिंग एवं रिसर्च पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि अब समस्त संस्थानों के दाखिले समर्थ पोर्टल से ही कराये जायेगे। यदि राजकीय महाविद्यालयों/संस्थानों में रिसर्च होगी तो तभी नैक, एनआईआरएफ रैंकिंग आदि की ग्रेडिंग मिलेगी। प्रो. एनके जोशी ने कहा कि टीचिंग लर्निंग के माध्यम से एकेडमिक कलैण्डर 10 जुलाई,2023 से शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यूजीसी के अनुसार सैमेस्टर सिस्टम 90 दिन का रहेगा जिसमें से 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। 2018 के बाद से जो रिजल्ट बैकलॉक के थे उन्हें पूर्ण करा लिया गया है और जो छूट गये हैं उन्हें अतिशीघ्र पूर्ण करवा दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में संस्थानों को निर्देशित किया कि वे बैकलॉग परिणाम से सम्बन्धित छात्र-छात्राओं की सूची अतिशीघ्र विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दे।
नई शिक्षा नीति-2020 के तहत द्वितीय सैमेस्टर की कक्षायें 12 अप्रैल, 2023 से प्रारम्भ कर दी गयी हैं तथा द्वितीय सैमेस्टर की परीक्षायें जुलाई, 2023 के आखिरी सप्ताह या अगस्त प्रथम सप्ताह में सम्पन्न करायी जायेंगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये मंत्र जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान के मंत्र को सफल बनाने हेतु महाविद्यालय स्तरों पर रिसर्च में पेपर प्रकाशित करना, सेमिनार आयोजित करना, और एफडीपी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यता है। उन्होनें कहा कि समस्त महाविद्यालय अपने स्तर पर शोध एवं विकास सेल, आईक्यूऐसी, एमएसएमई, इनोवेशन एवं इन्क्यूवेशन केन्द्र इत्यादि को स्थापित करें जिससे छात्रों एवं प्राध्यापकों को शोध में आसानी हो एवं विश्वविद्यालय के प्रति लोगों का नजरिया बदले एवं विश्वविद्यालय राष्ट्र स्तर पर ही नहीं अपितु विश्व स्तर पर भी ख्याति प्राप्त करे। इस सम्बन्ध में विदेशी विश्वविद्यालयों, एक्सलेंस केन्द्रों एवं ख्यातिलब्ध संस्थानों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित करे। इससे न केवल छात्रों का लाभ होगा अपितु फैकल्टी मेम्बरर्स भी ख्याति अर्जित करेंगे। नये नये जनरल और इनोवेशन यूनिट की स्थापना करे। इसके अतिरिक्त अपने कॉलेजों में सेन्टर फॉर एक्सीलेंस का गठन अवश्यमेव करें। जिससे कि नये लेक्चर तैयार कर इसका फायदा छात्र-छात्राओं को मिल सके।
कुलपति ने वैबसाईट का निर्माण, फेसबुक पेज का निर्माण , डिजिटल सेन्टर का निर्माण, वार्षिक मापांकन कलैण्डर, जी20 से सम्बन्धित कार्यकलाप, विभिन्न इन्टरनेशनल एवं नेशनल मापंाकन, कल्चरल मापांकन, 5 गांवों को गोद लेना, नशा मुक्त भारत के तहत नशा मुक्त महाविद्यालय बनाये जाने हेतु संकल्प लेने के लिये प्रेरित किया । टीबी मुक्त भारत के लिये कार्य करना, संस्थानों के मान्यता प्रस्ताव समयबद्ध रूप से विश्वविद्यालय में पहुंचाने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत स्किल डेपलपमेंट, माइनर कोर्सेंज, मेजर कोर्सेंस, हेतु एक टीचर को एनईपी का संयोजक बनाये जाने हेतु बल दिया गया।
प्रो. एन के जोशी द्वारा सभी राजकीय-निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिये गये कि सामुदायिक एक्टिविटी सुनिश्चित करें और इस सम्बन्ध में रिपोर्ट तीन माह के अन्तर्गत विश्वविद्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि समस्त महाविद्यालय एमपीआर प्रत्येक माह की 02 तारीख तक विश्वविद्यालय को भेंजे ताकि विश्वविद्यालय उपरोक्त एमपीआर की समीक्षा कर राजभवन को प्रेषित करेगा यह प्रक्रिया राजकीय-अशासकीय-निजी शिक्षण संस्थानों हेतु मील का पत्थर साबित होगी।
बैठक में स्थानीय स्तर पर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य, अध्यक्ष एवं निदेशक ने प्रतिभाग किया।
प्रो.पंकज पंत ने कहा कि कोई भी किसान खेत में खर पतरवार पैदा नहीं करना चाहेगा। प्रो.पन्त ने कुलपति का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने हेतु संस्थानों को आमन्त्रित किया।
बैठक में सीआईएमएस के अध्यक्ष द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों की तरफ से कुलपति महोदय का स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। हरिद्वार एवं देहरादून जनपद के निजी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों द्वारा भी कुलपति ₹ को शॉल ओढाकर स्वागत किया गया। डॉ.लोकेश पाण्डेय द्वारा कुलपति से आग्रह किया गया कि इस तरह के सम्बाद कम से कम तीन माह में एक बार अवश्य कराये जांय। परीक्षा नियन्त्रक डॉ. वीपी श्रीवास्तव द्वारा परीक्षा से सम्बन्धित कार्यों का त्वरित निस्तारण किया गया एवं भविष्य में भी त्वरित निस्तारण करने हेतु प्रतिबद्धता दोहरायी गयी। बैठक के अन्त में विश्वविद्यालय के कुलसचिव केआरभट्ट द्वारा समस्त प्रतिभागियों का बैठक में प्रतिभाग करने और निदेशक राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान एनआईवीएच एवं उनकी टीम का हदृय की गहराईयों से आभार व्यक्त किया गया। बैठक में समस्त राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं निजी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्ष एडवोकेट ललित जोशी ने निजी संस्थानों की तरफ़ से कुलपति का स्वागत करते हुए कहा उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु हम सभी विश्वविद्यालय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है ताकि दुरुस्त क्षेत्र छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके। इस दोरान निजी संस्थानों से संदीप केडिया, अनिल तोमर, अजय जसोला, राजकुमार शर्मा, आदेश कुमार सैनी, डॉ. पवन अग्रवाल, डॉ.संदीप चौधरी, आदि उपस्थित थे।