मैं भी तो छू सकती हुं आकाश, बस मौके की है मुझे तलाश”

0

soulofindia
हरिद्वार/ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली पर्व के उपलक्ष्य में इमैक समिति ने नमामि गंगे, चंडी घाट पर आसपास की बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक पहल की शुरुआत की। जिसमें नमामि गंगे, चंडी घाट हरिद्वार पर प्रत्येक रविवार इमैक समिति द्वारा मस्ती की पाठशाला में आने वाले बच्चों की माताओं के लिए एक रोजगार कार्यशाला का आयोजन किया जिसका शीर्षक “मैं भी तो छू सकती हुं आकाश, बस मौके की है मुझे तलाश” रहा। जिसमें महिलाओं के कौशल को परखने का प्रयास किया गया और समझा गया कि वह क्या-क्या कार्य करने में सक्षम है। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण सुलभता और सुगमता के साथ हो सके।
समिति की सचिव डॉ० मौसमी गोएल ने बताया की समिति कई महीनो से इस घाट के आसपास रहने वाले निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा के साथ अनेकों कलाएं सिखाने का कार्य निरंतर करती आ रही है। बच्चों से उनके माता पिता के बारे में जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है तो समिति के कोर सदस्यों ने निर्णय लिया कि कोई ऐसी योजना बनाई जाए जिससे बच्चों की पारिवारिक स्थिति मजबूत बने और उनकी माताओं को महिलाओं के अधिकारों से भी जागरूक करने की भी आवश्यकता है। जागरूकता के लिए एडवोकेट बालेश सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को कानूनी सलाह और जानकारी प्रदान करी। उन्होंने कहा की महिला ही पुरुष और महिला की जननी है और आज समय बदल गया है, महिलाएं पुरुषों के भी सारे काम कर रही और समाज को एक नई पहचान दे रही हैं। साथ ही कवियत्री और एडवोकेट कल्पना कुशवाह ने भी महिलाओं को बताया की आप ही दुर्गा, सीता, काली और शक्ति हो इसलिए निडर होकर अपना काम करें और समिति द्वारा रोजगार योजनाओं पर अमल करें। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रंजिता झा ने कहा कि इमैक समिति निस्वार्थ भाव से निरंतर कार्य कर रही हैं ये अत्यंत सराहनीय है। इसलिए समाज के समर्थ लोगों को समिति का उत्साह वर्धन करते हुए आगे आकर समिति का सहयोग करना चाहिये। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित सुधा राठौर ने बताया कि समिति के सिलाई कढ़ाई केंद्र के लिए उनके द्वारा सिलाई मशीने उपलब्ध करवाई जायेगी।
कार्यक्रम संयोजक सुनीता झा ने बताया की सिलाई कढ़ाई की कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं के स्वम सहायता समूह बनाए जायेंगे और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को उद्योगों को सप्लाई करने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन आयुष डंगवाल ने किया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयोजन एवम बच्चों को तैयार अनन्या भटनागर ने किया। अनन्या ने स्वागत गीत के माध्यम से अतिथियों का अभिनंदन किया और एक ऊर्जावान गीत महिला दिवस के उपलक्ष्य में अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुत किया। कक्षा में आने वाले नन्हे बाल कलाकारों ने अपनी सुंदर नृत्य और गीत प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित महिलाओं और बच्चों को आलोक सारस्वत द्वारा उपलब्ध रिफ्रेशमेंट दिया गया। कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष आशीष कुमार झा, कोषाध्यक्ष विभव भटनागर, मनोज शुक्ला, सुनील पांडेय, डॉ० अर्पिता सक्सेना, सुमन खंडूजा, सुधा राठौर, संतोष झा, यतीश राठौर उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति की युवा टीम के आस्था गोयल, स्नेहा खुराना, स्वाति उपाध्याय, हिमांशी खुराना, वंशिका खंडूजा, दीपिका राजपुत, आरती राजपुत, कुशहाल आहूजा और प्रणयु धीमान का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Share