माँ बगलामुखी- पितांबराविद्या
ॐ ह्रीँ बगलामुखी सर्वदुष्टानाॅं वाचं मुखं पदम् ।
स्तम्भय: जिव्हां कील़य बुद्धिं विनाशय ह्रीँ ॐ स्वाहा ।
प्रबल से प्रबल शत्रु को निस्तेज करने एवं सर्व कष्ट बाधा निवारण के लिए माँ बगलामुखी की साधना से अधिक उपयुक्त कोई साधना नहीं है। पितांबराविद्या के नाम से विख्यात माँ बगलामुखी की साधना प्राय: शत्रु के भय से मुक्ति और वाकसिद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है।माँ बगलामुखी राजयोग की देवी हैं।
सत्ता-असत्ता इनके अधीन हैं। इसलिए नेता भी इनकी शरण में जाते हैं। माँ बगलामुखी कल्याण की देवी हैं। माँ बगलामुखी के दशर्न से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। हमें पूर्ण श्रद्धा के साथ माँ का ध्यान करना चाहिए।
व्यष्ठि रूप में शत्रुओं को नष्ट करने की इच्छा रखने वाली तथा समिष्टि रूप में परमात्मा की संहार शक्ति ही माँ बगलामुखी हैं।माता बगलामुखी शत्रुओं की वाणी एवं बुद्धि को ही कुंठित कर देती है, जिससे शत्रु आपके प्रति षड्यंत्र नहीं कर पाते हैं। हमें प्रपत्तिभाव से सदैव माँ बगलामुखी का शरणागत बनना चाहिए। माँ सदैव अपने भक्तों की बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं।”
काली, तारा महाविद्या, षोडशी, भुवनेश्वरी
भैरवी, छिन्नमस्ता, विद्या धूमवती तदा
बगला सिद्धा, विद्या च मातङ्गी, कमलात्मिका
यथा दश महाविद्या सिद्धि, विद्या प्रकीर्तिता!!
माँ बगलामुखी देवी दश महाविद्या स्वरूपो में से एक है इन्हें पीताम्बरा देवी के नाम से भी जाना जाता है , क्योंकि यह पीत अर्थात पीले वस्त्रो से सुशोभित है ।
प्रतिदिन माँ बगलामुखी का स्मरण करने से आपकी सब ओर से रक्षा होती है, तीनों लोकों में कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता। माँ बगुलामुखी शत्रुओ का नाश करने वाली तंत्र की देवी मानी जाती है माँ बगलामुखी आप सभी पर अपनी कृपा और आशीर्वाद बनाए रखें।
अजय महाराज (ज्योतिषी)
9837711583