विकास का मंत्र: योजनाओं की सफलता, असफलता देखने क्षेत्र में जाएं अधिकारीः सतपाल महाराज
देहरादून। चिंतन शिविर को उत्तराखंड के विकास की महत्वपूर्ण पहल बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस शिविर के आयोजन से नौकरशाह तथा सरकार के बीच सीधे-सीधे संवाद कायम हुआ है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में चिंतन शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को प्रदेश के निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को विकास का मंत्र देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा की और कहा कि उनकी इस पहल से नौकरशाह तथा सरकार के बीच सीधे-सीधे संवाद कायम हुआ है। उन्होने कहा कि इन 3 दिनों मैं राज्य के विकास हेतु कही महत्वपूर्ण सुझाव प्रकाश में आए हैं जिन पर भविष्य में कार्य योजना बनाई जानी चाहिए।
कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने ष्रोको मत जाने दो के द्विअर्थी वाक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि विकास कार्यों के मामले में ऐसे वाक्यों का सही इस्तेमाल जनता के हित में निर्णय लेने के होना चाहिए ना कि काम में अवरोध पैदा करने के लिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए। जनसमस्याओं के निस्तारण में अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए। फाइलों को उलझाने की परंपरा विकास कार्यों को बाधित करती है। उन्होंने मंत्रियों की एसीआर लिखने के विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस प्रकार से आप अपने से नीचे के अधिकारियों की एसीआर लिखते हैं उसी प्रकार मंत्री भी चाहते हैं कि वह भी अधिकारियों के कार्य के आधार पर उनकी एसीआर लिखें। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा की चारधाम यात्रा के साथ साथ हमें शीतकालीन टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के विषय में कार्य योजना बनाने और प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाए जाने के लिए गंभीरता से काम करना चाहिए। इस प्रकार के कार्यों से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा पर 46 लाख से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड आए हैं और भविष्य में यह संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में जो यात्री दिल्ली, मुंबई या अन्य दूरस्थ क्षेत्रों से सीधे पहाड़ों पर चढ़ रहे हैं उनको रास्ते में विश्राम करवाने के विषय में भी हमें सोचना चाहिए, ताकि चारधामों पर अनावश्यक दबाव को कम किया जा सके और यात्री भी स्वस्थ रहकर अपनी यात्रा को सुगमता से कर सके।
चिंतन शिविर में अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्री महाराज ने कहा कि अधिकारियों को योजनाओं की सफलता असफलता देखने के लिए क्षेत्र में भी जाना चाहिए ताकि उन्हें वस्तुस्थिति का पता चल सके उन्होंने अधिकारियों से कहा आप विभिन्न क्षेत्रों में डीएम या एसडीएम रहे हैं जब आप उन क्षेत्रों में पहुंचेंगे तो आपको इस बात का पता चलेगा कि वहां आपके जाने के पश्चात क्या क्या तब्दीलियां हुई हैं। श्री महाराज ने कहा कि पंचायतीराज विभाग में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के अनुरूप कई कार्य हुए हैं और कई कार्य अभी होने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की दृष्टिगत शासनादेशों का अनुपालन सही ढंग से होना चाहिए।