रिकॉर्ड तोड़ बारिश व बर्फबारी ने चारधाम यात्रियों के अरमानों पर फेरा पानी

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सोल ऑफ इंडिया
देहरादून। अप्रैल के अंत में जिस तरह से मौसम ने खतरनाक करवट बदलते हुए बारिश व बर्फवारी को अंजाम दिया है वह वाकई चौंकाने वाला है। यात्रा पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है दूरदराज से आए यात्रियों के अरमानों पर बरसात का पानी फिरा है। उत्तराखंड में लगातार हो रही वर्षा और बर्फबारी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चार धाम यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक बारिश और बर्फबारी का क्रम जारी है जिसके थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं। खास बात यह है कि खराब मौसम के बीच भले ही 3 मई तक रजिस्ट्रेशन रोक दिए गए हो लेकिन यात्रा बदस्तूर जारी है। शासन प्रशासन की कोशिशों के बाद भी यात्रियों का धामों में पहुंचना जारी है जबकि बारिश व बर्फबारी के चलते धामों में व्यवस्थाएं भी चरमरा चुकी है। खाने पीने का सामान मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है, पेयजल तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है वहीं यात्रियों के विश्राम के लिए लगाए गए टेंट भी टूट गए हैं।
मौसम विभाग द्वारा हालांकि 2 दिन पूर्व ही यह चेतावनी दी जा चुकी थी कि 3 मई तक मौसम खराब रहने वाला है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम खराब होने के पूर्वानुमान के बाद यात्रियों को भी दिशा निर्देश दिए गए थे कि वह खराब मौसम में यात्रा न करें लेकिन यात्रियों का धामों में पहुंचना जारी है रास्ते की मुश्किलों के साथ ही अब इन यात्रियों को धामों में भी कई तरह की परेशानियों से दोकृचार होना पड़ रहा है तापमान में आई भारी गिरावट के कारण धामों में कड़ाके की सर्दी के कारण यात्रियों को स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
बीती रात से जहां केदारधाम में लगातार बर्फबारी हो रही है वही बद्रीनाथ धाम में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण रास्तों के बंद होने से भी यात्रा बाधित हुई है। चमोली पौड़ी और पिथौरागढ़ तथा राजधानी दून और हरिद्वार सहित राज्य के निचले क्षेत्रों में जहां बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है वही फसलों और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वह खराब मौसम में यात्रा न करें। उत्तरकाशी के हर्षिल मोटर मार्ग पर एक बस के फंस जाने से यातायात प्रभावित होने की खबर है वही पिथौरागढ़ के चाइना बार्डर क्षेत्र में छीरकीना ग्लेशियर के टूटने से मोरी नदी तक पैदल मार्ग बंद हो गया है जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें हो रही है।

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